हुनर
गुणवत्ता के इस युग में
स्वयं को कुसमायोजित होता देख
उसने चरण-वन्दना के
अति-प्राचीन कौशल का प्रयोग कर
सारे फिज़ूल कार्य करने के
अपने समस्त इच्छाओं
की पूर्ति कर ली।
गुणवत्ता के इस युग में
स्वयं को कुसमायोजित होता देख
उसने चरण-वन्दना के
अति-प्राचीन कौशल का प्रयोग कर
सारे फिज़ूल कार्य करने के
अपने समस्त इच्छाओं
की पूर्ति कर ली।