Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 May 2024 · 1 min read

हुनर से गद्दारी

हुनर से गद्दारी ”

सख्त रवैया आज अपनो का देख,
मन मेरा खामोशी में खो गया
रख इरादा आज सपनों का ,
आज पागल पन की पगडंडी पर सो गया।
आलम आज सवार है मुझ पर ,हुनर से गद्दारी का||
चपल चंचलता आज चापलूसी की
ना जाने कैसे दिवानी हो गयी।
चाहत पर चोकसी रख खामोशी से
आज यह मन खोखला हो गया |
आलम आज सवार है हुनर से गद्दारी का मुझ पर
शरण में आकर आज मां-बाप की
क्यो उनका मन दुखा रहा ।
वरण में कर सोभाग्य का आज
आप का क्यो मन दुखा रहा |
आलम आज हुनर से सवार का मुझ पर गद्दारी का ||
आया भार आज मन पर
मेरे आवारा बन घुम रहा
ना लाया सार आज मन पर
ऐसे पर निर्भरता से जुम रहा ।
आलम आज सवार है मुझ पर ,हुनर से गद्दारी का||
छाप मन में ऐसी छायी
शान्त चिन्त में खोने की
श्राप बनी आज पढाई मेरी
भीख में कटोरा लाने की
आलम आज सवार है मुझ पर हुनर से गद्दारी का
छोटी-मोटी कर कमाई
मानो टूटी उम्मीद को अब जगाई
नशा पढाई का भुत बनकर
दिलो दिमाग में क्या कर रहा अब तराई
आलम आज सवार है मुझ पर हुनर से गद्दारी का

Language: Hindi
95 Views

You may also like these posts

परमसत्ता
परमसत्ता
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
दोहा दशम . . . क्रोध
दोहा दशम . . . क्रोध
sushil sarna
प्रेम का कोई उद्देश्य नहीं प्रेम स्वयं एक उद्देश्य है।
प्रेम का कोई उद्देश्य नहीं प्रेम स्वयं एक उद्देश्य है।
Ravikesh Jha
19. Memories
19. Memories
Ahtesham Ahmad
Let love shine bright
Let love shine bright
Monika Arora
तुम्हीं  से  मेरी   जिंदगानी  रहेगी।
तुम्हीं से मेरी जिंदगानी रहेगी।
Rituraj shivem verma
Extra people
Extra people
पूर्वार्थ
..
..
*प्रणय*
लोग ऐसे दिखावा करते हैं
लोग ऐसे दिखावा करते हैं
ruby kumari
हम आगे ही देखते हैं
हम आगे ही देखते हैं
Santosh Shrivastava
*जैन पब्लिक लाइब्रेरी, रामपुर*
*जैन पब्लिक लाइब्रेरी, रामपुर*
Ravi Prakash
सब तो उधार का
सब तो उधार का
Jitendra kumar
उनकी आंखों में भी
उनकी आंखों में भी
Minal Aggarwal
"अल्फ़ाज़"
Dr. Kishan tandon kranti
सुदामा कृष्ण के द्वार (1)
सुदामा कृष्ण के द्वार (1)
Vivek Ahuja
*लज्जा*
*लज्जा*
sudhir kumar
सच ही सच
सच ही सच
Neeraj Agarwal
ऋतु राज
ऋतु राज
लक्ष्मी सिंह
दिल में रह जाते हैं
दिल में रह जाते हैं
Dr fauzia Naseem shad
मैं अपने दिल की रानी हूँ
मैं अपने दिल की रानी हूँ
Dr Archana Gupta
जो भी आते हैं वो बस तोड़ के चल देते हैं
जो भी आते हैं वो बस तोड़ के चल देते हैं
अंसार एटवी
सब कुछ हो जब पाने को,
सब कुछ हो जब पाने को,
manjula chauhan
करती गहरे वार
करती गहरे वार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
जंगल बचाओ
जंगल बचाओ
Shekhar Chandra Mitra
चोरी की कविताएं पढ़कर
चोरी की कविताएं पढ़कर
Manoj Shrivastava
हिंदी दोहे - उस्सव
हिंदी दोहे - उस्सव
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
पल पल रंग बदलती है दुनिया
पल पल रंग बदलती है दुनिया
Ranjeet kumar patre
परिवार
परिवार
Dheerja Sharma
मंद बुद्धि इंसान
मंद बुद्धि इंसान
RAMESH SHARMA
स्वर्ग से सुंदर समाज की कल्पना
स्वर्ग से सुंदर समाज की कल्पना
Ritu Asooja
Loading...