हुईं क्रांति
#हुई क्रांति
जब से दुश्मन देश जा के किये वार,
अभिभव कहाँ यंहा बसी है शांति,
अब कहाँ होंगी किसी की जुर्रत,
सारी दुनिया यंहा का पावर जानती।
परिवार दोस्तो के साथ सभी है देशप्रेमी,
नर और नारी तुफानो से लढना जानती,
भारत भूमि पर डर का वास्तव्य न रहा,
हो चुकी सब धर्मों में विशाल उन्नति।
अब कोई नहीं यंहा अभिभव में,
ये सारी दुनियाँ है जानती,
कोने कोने में आॅन लाईन जुटें सारे,
देश की हर जगह हुई क्रांति।
स्वरचित – कृष्णा वाघमारे,जालना 431211, महाराष्ट्र.