हुआ पिया का आगमन
हुआ पिया का आगमन, छाया उर मधुमास।
हुई पूर्ण मनकामना,बुझी हृदय की प्यास।।
सारे मौसम से अलग,ये मौसम कुछ खास।
मन मयूर नर्तन करे,खिले अधर मृदुहास।।
मन मेरा तन में नहीं,एक अजब अहसास।
सांझ नशीली हो गई,मादक मधुर बतास।।
आये अनुरागी पिया,जब से मेरे पास।
नशा खुशी का चढ़ गया,अंतस में उल्लास।।
अंग- अंग में चाँदनी,मुख पर नवल उजास।
बैठ पिया के सामने,करूँ हास-परिहास।।
लगा हृदय से साजना,बाँध लिए भुजपाश।
मन महुआ की मंजरी,तन हो गया पलाश।।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली