*हुआ नदी का पानी काला (हिंदी गजल/गीतिका)*
हुआ नदी का पानी काला (हिंदी गजल/गीतिका)
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(1)
हुआ नदी का पानी काला
उद्योगों ने कचरा डाला
(2)
कौन नहाए इनमें बोलो
नदी बनी है गन्दा नाला
(3)
अफसर-नेता सारे चुप हैं
जैसे इनके मुँह पर ताला
(4)
मिलीभगत से नदियाँ मैली
अब तक है यह गड़बड़झाला
(5)
जब गंगा-नहान आता है
दो दिन जपते ढोंगी माला
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451