हुआ गधे जी को कोरोना
हुआ गधे जी को कोरोना
बन्द हुआ फिरबोझा ढोना
धोबी ने खुद बोझ उठाया
नहीं गधे को हाथ लगाया
सुबह शाम खाने को देता
काम नहीं कुछ उससे लेता
मगर गधे को समझ न आया
क्या है कोरोना की माया
समझ रहा था खुद को राजा
बजा हुआ मालिक का बाजा
मस्ती से यूँ खाते पीते
ऐसे ही चौदह दिन बीते
मगर पन्द्रहवें दिन घबराया
मालिक जब ले सोटा आया
लादा बोझ बहुत ही सारा
चढ़ा गधे का ऊंचा पारा
और मारने लगा दुलत्ती
धोबी की गुम सिट्टी पिट्टी
मुश्किल से घर लेकर आया
मार-मार कर भूत भगाया
खातिरदारी भी की ऐसी
कोरोना की ऐसी तैसी
19-01-2021
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद