हीरे की कनी
हीरे की कनी को कॉच सा तौलते हैं लोग
खुदगर्ज इस दुनिया में पैरों तले रौंदते है लोग
प्रीत का आसमा दिखाकर
फरेब में समेटते है लोग
चेहरे पर चेहरा लगा कर
वजूद से खेलते हैं लोग
खुदगर्ज इस दुनिया मे पैरों तले रौंदते हैं लोग
हीरे की कनी को कॉच सा तौलते हैं लोग
खुदगर्ज इस दुनिया में पैरों तले रौंदते है लोग
प्रीत का आसमा दिखाकर
फरेब में समेटते है लोग
चेहरे पर चेहरा लगा कर
वजूद से खेलते हैं लोग
खुदगर्ज इस दुनिया मे पैरों तले रौंदते हैं लोग