हिसार कांड
“हिसार कांड”
जिस देश मे नारियां “देवी” सोची जाती है।
हर रोज वहाँ पर क्यों बेटियां नोची जाती है।।
कभी दिल्ली कभी हिसार में,हवस की शिकार होती है।
उनकी इज्जत यू नीलाम क्यों, सरे बाजार होती है।।
ना राह में ना घर मे सुरक्षित, ये बेचारी जाए कहाँ।
कोई तो बताओ वो ठिकाना, ये बचकर रहें जहाँ।।
दिल्ली में रात को घूम रही, कहा गया ये उसकी गलती थी।
6 साल की मासूम घर सोरही, ये भी दरिंदो को खलती थी।।
दो उन दरिंदो को फाँसी, दुःखी माँ ये चीत्कार करती है।
इसी वजह से तो हर नारी, बेटी को जनने से डरती है।।
भ्रष्टाचार जब हुआ खत्म, तो क्यों अब होते खेल घिनौने।
ये बेटियां तो बन गयी, दरिंदो के हाथों के खिलौने।
इन कांडो पर भी राजनीतिक रोटियां सिकाई जाती हैं,
हवस के भूखे इन दरिंदो की क्यों जान बचाई जाती है।।
“सुषमा मलिक” है हैरान, हद रही ना हैवानियत की।
ऐसे कांड सुने रोज, क्या मिसाल बची इंसानियत की।।
सुषमा मलिक,
रोहतक
महिला प्रदेशाध्यक्ष CLA हरियाणा