हिरनी जैसा तेरा जादू
हिरनी जैसा तेरा जादू
वन-वन महकी तेरी खुशबू // मतला //
मुझको तो कुछ भी होश नहीं
रक्खूँ कैसे खुद पे काबू // 1. //
मन जो बहका, तन भी दहका
आग हुई जाए बेकाबू // 2. //
यौवन की मदहोश डगर है
तन मन में है तेरी ही बू // 3. //
ख़ामोश हुए जाते हैं लब
आँखें ही करती हैं जादू // 4. //