— हिम्मत हारे तो गए —
जिस ने हिम्मत नही हारी
वो चढ़ा गया पहाड़ पर
जो हार कर रूक गया
वो मुसाफिर किस काम का !!
पतझड़ में भी जो मुस्कुराए
वो इंसान सब के काम का
जिस ने नही झेली आफतें
वो बंदा यहाँ किस काम का !!
जिन्दगी का नाम जूझना है
बिना जूझे न पार हो सका कोई
जिस ने हर गम को सह लिया
वो इंसान है बस काम का !!
तूफ़ान आंधी तो आते रहेंगे
पतझड़ तो पत्ते गिराते रहेंगे
बजा दिया जिस ने डंका यहाँ
वो ही है बंदा बस गुणगान का !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ