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25 Jan 2024 · 1 min read

हिम्मत कभी न हारिए

सुबह का भूला,
दिन में न सही,
शाम को भी,
घर आ जाए,
तो भलमनसाहत है,
गुणकथन है।
लहरें भी,
दूर क्षितिज तक,
जाकर,
वापस तट तक,
लौट आती हैं,
अपना अस्तित्व,
बचाए रखने के लिए।
मुसीबतें,
किस पर नहीं आई,
इतिहास गवाह है,
राजा हरिश्चंद्र तक,
संकटों से जूझते रहे,
राजा राम भी,
वनवासी हुए।
संकटों से भागना,
कायरता है,
उनका सामना कीजिए,
रण योद्धा बनकर,
अपने साहस को,
शमशीर बनाकर,
विपत्तियों को,
पल भर में,
खंड-खंड,
कर डालिए,
पर
हिम्मत,
कभी न हारिए।

Language: Hindi
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