Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jul 2022 · 3 min read

“हिमांचल दर्शन “

(संस्मरण)
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
=====================
कठोरतम मिलिट्री प्रशिक्षण क पश्चात हम सब बेसि व्यग्रता सँ प्रतीक्षा क रहल छलहूँ जे भाग्य केँ जाहि इच्छा हेतनि भारत केँ कोनो स्थान पर हमरा लोकनि केँ पोस्टिंग भ जायत ! आब हमरा लोकनि केँ ओहि कठोरतम प्रशिक्षण क पुनः सामना नहि हेत ! खुशी क वातावरण चहू दिश पसरल छल ! सब प्रशिक्षणार्थी ,सहपाठी ,मित्र आ किछू ग्रामीण लोकक एक संग रहि आ सँगें -सँगें 3 बरख 4 मास धरि एक संग प्रशिक्षण केनाय ,सुख -दुख मे संग रहनाय ,बुझू एकटा नविन परिवार क सृजन भ गेल छल ! मुदा आब अपन संगी -साथी सँ बिछुड़य क समय आबि गेल छल ! खुशी क आभास होइतो मन मलिन भ रहल छल ! भारत क कोनो कोन मे पठाओल जायत आ ओहो नव परिवेश मे ! कनि मलिन भेनाय त स्वाभाविक छल !

मुदा इ त पूर्णतः मानय पड़त जे इएह विभिन्य प्रशिक्षण समस्त सैनिक केँ “ आत्म निर्भर “,साहसी “आज्ञाकारी ,” अनुशासित आ कर्मठता क पाठ पढ़ोलक ! आगि मे तपा-तपा केँ हमरा लोकनि केँ खाँटी आ शुद्ध स्वर्णक आकृति देलक ! जीवनक उतार- चढाब क सामना कारबा सक्षमता एहि प्रशिक्षणक माध्यम सँ प्राप्त भेल ! के नहि चाहैत अछि एकटा नवीन इतिहासक रचना करि ? इतिहासक अध्याय मे नाम अपन अंकित करि ? एहि भविष्यक परिकल्पना ल केँ सजग प्रहरी बनलहूँ !

12,दिसम्बर 1975 संध्या काल सभक लौटरी खुजल ! भारत क विभिन्य सैनिक अस्पताल आ मेडिकल यूनिट मे सभक पोस्टिंग आयल ! कियो कतो त कियो कतो ! कियो खुश रहैथि , कियो कनि मलिन ! जाहि प्रदेश मे जनिक पोस्टिंग एलनि हुनकर जिज्ञासा ओहि प्रान्तक लोक सँ होमय लगलनि ! हमर पोस्टिंग सैनिक अस्पताल योल कैम्प हिमांचल प्रदेश मे भेल ! उत्सुकता बूझू सब मे व्याप्त छल ,—–
“ कत्त’ अछि ?….. केहन अछि ?
“ जेबा क साधन की अछि ?”
वैह प्रांत के लोक समुचित भौगोलिक ज्ञान दैत छलाह ! हमर साथ मे बिहारी लाल डोगरा और शमशेर सिंह डोगरा कंगड़ा जिला ,हिमांचल प्रदेश क छलाह ! दूनू हमर संगी रहैथि ! पूँछला पर सांत्वना दैत शमशेर हमरा कहलनि ,——

” आहाँ बहुत लक्की छी ,बहुत सुंदर स्थान पर आहाँ क पोस्टिंग आयल अछि ! हम त ओहिठाम क रहय वला छी !“

बिहारी लाल सहो हाँ मे हाँ मिलेलनि ! ओना सब एक दोसर केँ एहिना ढाढ़स दैत अछि ! कियो ककरो सँ पूछि लिय मुदा कियो कोनो प्रान्त क स्थानक आलोचना करैत नहि भेटताह ! सभक सकारात्मक प्रतिक्रिया क आभास होइत छैक !
किछू कहि मन मे त चिंता लगल छल ! कतय दुमका आ कतय योल कैम्प ? घर सँ लगभग 1900 किलोमीटर दूर भ जायब !

18 ,दिसम्बर 1975 केँ लखनऊ सँ पठानकोट क लेल प्रस्थान केलहूँ ! लोक कहने रहैथि पठानकोट बस अड्डा सँ बस योल कैम्प ला भेटत ! दोसर दिन पठानकोट पहुँचलहूँ ! फेर बस यात्रा प्रारंभ भेल ! हमरा खिड़की वला सीट भेटल छल ! प्राकृतिक दृश्य , पर्वत शृंखला और टेढ़ -मेढ़ रास्ता केँ निहारैत चलि रहल छलहूँ ! पहिने नूरपुर मे बस रुकल आ छोट -छोट स्थानो पर बस रुकल ! फेर शाहपुर आ अंत में योल कैम्प !

अद्भुत दिव्य प्राकृतिक सौदर्य दृश्य चारु कात पर्वत शृंखला ,पसरल जंगल ,संकीर्ण मार्ग हिमालय क पर्वत मे बसल योल कैम्प क मनोरम छटा मन मोहि लेलक ! सीढ़ी क ढंग विभिन्य सैनिक यूनिट अवस्थित छल ! मनोरम ठंढ बसात बद्द सुंदर लागि रहल छल ! ऊँच्च पर्वत पर बर्फ देखि रहल छलहूँ ! समुद्रतल सँ एकर ऊँचाई 1,221 m (4,006 ft) छल ! एहि शहर क नाम YOL (Young Officers Living) सँ लेल गेल छल जकर 1849 क आसपास ब्रिटिश भारतीय सेना द्वारा स्थापित एकटा छोटा सन शहर अछि —– योल कैंट । (छावनी) क निर्माण 1942 मे केल गेल छल ! पहिने इ “मझैथा” गांव क रूप मे जानल जाइत छल !

बस हमरा मैन रोड पर उतारि देलक ! ऊपर पहाड़ी 2 किलोमीटर पर हमर अस्पताल छल ! रोडक कात मे एकटा चेकपोस्ट छल ! ओहिठाम सँ फोन केलहूँ आ किछूये क्षण मे हमर गाड़ी आबि गेल आ हम सैनिक अस्पताल योल मे पहुँचि गेलहूँ ! ओहिठामक लोक हमर स्वागत केलनि ! सभक संग घुलि -मिलि गेलहूँ ! चमुड़ा देवी क मंदिर अद्भुत लागल ! धर्मशाला ,ब्रिगैड बाज़ार आ दाह पिक्चर हॉल क याद अखनो हम योगा केँ रखने छी ! ओना बहुत दिन भ गेल मुदा ओ बितल क्षण केँ आइ धरि अपन मनोमस्तिष्क मे कैद क केँ रखने छी !

==================
डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखण्ड
भारत
04.07.2022

348 Views

You may also like these posts

कामनाओं का चक्रव्यूह, प्रतिफल चलता रहता है
कामनाओं का चक्रव्यूह, प्रतिफल चलता रहता है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हमें अपने जीवन को विशिष्ट रूप से देखना होगा तभी हम स्वयं के
हमें अपने जीवन को विशिष्ट रूप से देखना होगा तभी हम स्वयं के
Ravikesh Jha
*मेरा सपना*
*मेरा सपना*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
सदा सदाबहार हिंदी
सदा सदाबहार हिंदी
goutam shaw
एक महान भविष्य के लिए एक महान अतीत की आवश्यकता नहीं होती है,
एक महान भविष्य के लिए एक महान अतीत की आवश्यकता नहीं होती है,
ललकार भारद्वाज
जिंदगी का सवेरा
जिंदगी का सवेरा
Dr. Man Mohan Krishna
समीक्षा ,कर्त्तव्य-बोध (कहानी संग्रह)
समीक्षा ,कर्त्तव्य-बोध (कहानी संग्रह)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
गिरमिटिया मजदूर
गिरमिटिया मजदूर
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
आइना भी अब
आइना भी अब
Chitra Bisht
हे अंजनी सुत हनुमान जी भजन अरविंद भारद्वाज
हे अंजनी सुत हनुमान जी भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
😘मानस-मंथन😘
😘मानस-मंथन😘
*प्रणय*
जीवन का कठिन चरण
जीवन का कठिन चरण
पूर्वार्थ
मन्नत के धागे
मन्नत के धागे
Dr. Mulla Adam Ali
STAY SINGLE
STAY SINGLE
Saransh Singh 'Priyam'
*Keep Going*
*Keep Going*
Poonam Matia
विचारों की रोशनी
विचारों की रोशनी
Dr. Kishan tandon kranti
इस आकाश में अनगिनत तारे हैं
इस आकाश में अनगिनत तारे हैं
Sonam Puneet Dubey
*यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)*
*यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
संजीव शुक्ल 'सचिन'
4811.*पूर्णिका*
4811.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी की कहानी लिखने में
जिंदगी की कहानी लिखने में
Shweta Soni
योग
योग
लक्ष्मी सिंह
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
एक पिता की पीर को, दे दो कुछ भी नाम।
एक पिता की पीर को, दे दो कुछ भी नाम।
Suryakant Dwivedi
घर - परिवार
घर - परिवार
manorath maharaj
नही रहेगा मध्य में, दोनों के विश्वास
नही रहेगा मध्य में, दोनों के विश्वास
RAMESH SHARMA
मिल जाएँगे कई सिकंदर कलंदर इस ज़माने में मगर,
मिल जाएँगे कई सिकंदर कलंदर इस ज़माने में मगर,
शेखर सिंह
जबसे उनको रकीब माना है।
जबसे उनको रकीब माना है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
सुहाना मंज़र
सुहाना मंज़र
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
समय ही अहंकार को पैदा करता है और समय ही अहंकार को खत्म करता
समय ही अहंकार को पैदा करता है और समय ही अहंकार को खत्म करता
Rj Anand Prajapati
Loading...