हिन्द है अपना वतन हिन्दी हमारी शान।
हिन्द है अपना वतन हिन्दी हमारी शान
स्वर अनेकों बोलियों के बुलबुलों सी तान।
सभ्यता जिसमें समन्वय है यही पहचान,
जोड़ती सबको निरन्तर पूर्ण देती मान
अब अखिल ब्रह्माण्ड में गूंजेगा हिंदी गान
है यही प्रभु प्रार्थना हो नित नवल उत्थान
हिन्द है अपना वतन हिन्दी हमारी शान,
स्वर अनेकों बोलियों के बुलबुलों सी तान।
सूर तुलसी औ कबीरा जायसी रसखान
है यही साझा विरासत विश्व रखे भान
आज हिन्दी का है अव्वल विश्व में स्थान
नित निरन्तर बढ़ रहा बढ़ता रहे सम्मान
हिन्द है अपना वतन हिन्दी हमारी शान
स्वर अनेकों बोलियों के बुलबुलों सी तान।
अनुराग दीक्षित