* हिन्द पर नाज *
* गीतिका *
हिन्द पर नाज
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सभी को हुआ आज है हिंद पर नाज।
उमंगों भरी शक्ति की एक परवाज।
सजग देश भारत बना शक्ति का पुंज।
जिसे देख दुश्मन सहम सा गया आज।
मिटेंगे सभी शीघ्र आतंक के चिन्ह,
ठिकानों पे अरि के गिरी जा रही गाज।
सबक सीखते जो नहीं आज नापाक,
नहीं आ सकेंगे बिना शक्ति के बाज।
धरा भारती का मुकुट स्वर्ण कश्मीर,
करें बंद दुश्मन सभी बेसुरे साज।
गगन में रहा गूंज जय हिन्द का घोष,
दिखा युद्ध में सैन्य बल शौर्य अंदाज।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, मण्डी (हिमाचल प्रदेश)
२८/०२/२०१९