हिन्दी
आदि काल से चली आ रही जिसकी शान
भक्ति रीति के कवियों की बनी अमिट पहचान
साहित्य युग में कीर्ति बिखराती निज आन
हिन्दी ही है जिससे मेरा भारत वर्ष महान
निखरे नभ से धरा तक इसकी ज्योति
युग प्रवर्तक साहित्यकारों की यही ख्याति
जन चेतना जाग्रत करती है युग की परिभाषा
हिन्दी ही है जिससे हमें हर अभिलाषा
आज बनी क्यो अग्रणी अंग्रेज़ी भाषा
पहचान हमारी है हिन्दी , हिन्दी है मातृभाषा
नवयुग के अभ्युदय का यही अस्तित्व
हिन्दी, हिन्द, हिन्दू महान हिन्दुत्व