हिन्दी हिन्द की पहचान
हिन्दी हिन्द की पहचान
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मैं हिन्दी हिन्द की पहचान
अपनों बीच बनी अंजान
कहने मात्र मैं जन भाषा
मुख पर मेरे न है मुस्कान
भारतवर्ष की मातृभाषा
किताबों तक रहा गुणगान
पूर्वजों की मैं धरोहर
बच्चों बीच मैं बनी नादान
सदियों से मैं राह देखूँ
मिले राष्ट्र भाषा पदनाम
भारतेंदु ,कबीर की भाषा
रसखान रहीम परेशान
दोहा , सोरठा , तेवरी
चौपाई , छंद मधु बखान
गीत,गीतिका,कथा,कहानी
लेख,कविता,हिंदी का गान
देवनागरी जिसकी है लिपि
हिन्दी भाषा जग में महान
हिन्दी दिवस पे करें विचार
भाषा उन्नति का संज्ञान
मनसीरत मन से विसारे
हैं शिक्षाविद,ज्ञानी विद्वान
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)