हिन्दी मुक्तक गढ़वाली भावार्थ
तेरा, मेरा, इसका, उसका
जग में क्या है कुछ भी किसका
मिट जायेगा सब कुछ इक दिन
भगवान हिसाब रखे सबका
त्यारू, म्यारू, येकू, वेकू
जग मा क्या च कुछ भी केकू
मिट जालू सब कुछ यख इक दिन
परमेश्वर रखणु हिसाब हरेकू
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तेरा, मेरा, इसका, उसका
जग में क्या है कुछ भी किसका
मिट जायेगा सब कुछ इक दिन
भगवान हिसाब रखे सबका
त्यारू, म्यारू, येकू, वेकू
जग मा क्या च कुछ भी केकू
मिट जालू सब कुछ यख इक दिन
परमेश्वर रखणु हिसाब हरेकू
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