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16 Sep 2017 · 1 min read

हिन्दी : माँ

स्वयं में सम्पूर्णता है हिन्दी
हमारा गर्व हमारा अभिमान
हमारी शान है हिन्दी
शिशु बनकर लिया जिन
वर्णों से नाम माँ का ,
उस शब्द का सार है हिन्दी
खोते जा रहे हैं हम
अपने अभिमान को
वहीं दूसरे देशों ने कभी न छोड़ा
अपनी शान को
सारी अच्छाइयों को खुद में
समा लेना ही भारत है
लेकिन अपनी ही मातृभाषा को
इस स्तर पर गिरा देना सरासर गलत है
आत्मसात करो सारी अच्छाईयाँ लेकिन
अपनी पहचान को भूलकर किसी और
की पहचान पर जीना भी गलत है
खाओ शपथ की सभी भाषाओं का ज्ञान बढ़ाएंगे
लेकिन अपनी मातृभाषा को ही जीवन मे गुनगुनाएंगे ..

निहारिका सिंह

Language: Hindi
2 Likes · 401 Views
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