हिन्दी भाषा
नहीं नये नवरत्न,
नहीं कुछ नई अभिलाषा।
सकल भू विख्यात हो,
भारत की हिन्दी भाषा।।
– भविष्य त्रिपाठी।
नहीं नये नवरत्न,
नहीं कुछ नई अभिलाषा।
सकल भू विख्यात हो,
भारत की हिन्दी भाषा।।
– भविष्य त्रिपाठी।