हिन्दी भारत की शान
हिन्दी हमारी मातृभाषा,
करते व्यक्त इसी में हर आशा और निराशा।
शब्दों पर शोभित इसके विभिन्न मात्राएँ,
हों जैसे पर्वत राज हिमालय की शिखाएँ।
पढ़े हिन्दी में हमने अनमोल ग्रंथ,
लिख गए इसमें सत्य वचन ज्ञानी-संत।
इसके शब्दों में कोकिला सी मिठास,
है ये दुनिया की भाषाओं में ख़ास।
हैं इसके प्राण व्यंजन और स्वर,
शब्दावली इसकी अद्भुत,छूती श्रेष्ठता के शिखर ।
फैलाया हिन्दी ने ज्ञान रूपी प्रकाश,
इसके समक्ष आदर में झुकता हमारा शीश।
हिन्दी में शब्दों का भण्डार अनमोल,
बोलें इन्हें सदा तोल मोल ,
शब्द बन जाते हैं हमारी पहचान,
ज्ञात रहे, ज़ुबान से निकले हर शब्द में भरा हो सम्मान ।
हिन्दी हमारी आत्मा है ,
इसी को पढ़ छुआ आसमाँ है ।
बसी हुई ये भारत के कण-कण में है,
हर भारतीय की पहचान है ।
हिन्दी भारत की शान,
जो बोले इसे बढ़ता उसका मान।
भरा है इसमें असीमित ज्ञान,
जो पढ़े हिन्दी वो बने महान।
इंदु नांदल विश्व रिकॉर्ड होल्डर
इंडोनेशिया
स्वरचित