Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2024 · 1 min read

हिन्दी दिवस

हिन्दी दिवस हम सब मना रहे है।
हिन्दी को दिल से अपना रहे है।।

हिन्दी हम सब की प्यारी भाषा है।
मान सम्मान से भरी न्यारी भाषा है।।

हम सब को हिन्दी भाषा पर नाज है।
वास्तव मे हिन्दी मन की आवाज़ है।।

हिन्दी से मिली हम सब को पहचान हैं।
हिन्दी पर हम सब को मन से अभिमान हैं ।।

प्यार अपनापन सिखाती है हमारी हिन्दी।
वास्तव मे जीना बतलाती है हमारी हिन्दी। ।

शमा परवीन बहराइच उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 113 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🍁अंहकार🍁
🍁अंहकार🍁
Dr. Vaishali Verma
Sad shayri
Sad shayri
Surya Barman
"जीरो से हीरो"
Dr. Kishan tandon kranti
आप वो नहीं है जो आप खुद को समझते है बल्कि आप वही जो दुनिया आ
आप वो नहीं है जो आप खुद को समझते है बल्कि आप वही जो दुनिया आ
Rj Anand Prajapati
नज़र भर देखने के लिए चेहरा छिपाना पड़ता है,
नज़र भर देखने के लिए चेहरा छिपाना पड़ता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बीती यादें
बीती यादें
Shyam Sundar Subramanian
वामांगी   सिखाती   गीत।
वामांगी सिखाती गीत।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
शाश्वत, सत्य, सनातन राम
शाश्वत, सत्य, सनातन राम
श्रीकृष्ण शुक्ल
शिव - दीपक नीलपदम्
शिव - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
नादान परिंदा
नादान परिंदा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
वो इंतजार ही क्या जो खत्म हो जाए……
वो इंतजार ही क्या जो खत्म हो जाए……
shabina. Naaz
“WHOM SHOULD WE MAKE OUR FACEBOOK FRIEND?”
“WHOM SHOULD WE MAKE OUR FACEBOOK FRIEND?”
DrLakshman Jha Parimal
प्रकृति को जो समझे अपना
प्रकृति को जो समझे अपना
Buddha Prakash
कामनाओं का चक्रव्यूह, प्रतिफल चलता रहता है
कामनाओं का चक्रव्यूह, प्रतिफल चलता रहता है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जब ये मेहसूस हो, दुख समझने वाला कोई है, दुख का भर  स्वत कम ह
जब ये मेहसूस हो, दुख समझने वाला कोई है, दुख का भर स्वत कम ह
पूर्वार्थ
बारिश ने बरस कर फिर गुलशन को बदल डाला ,
बारिश ने बरस कर फिर गुलशन को बदल डाला ,
Neelofar Khan
😊😊
😊😊
*प्रणय*
सुर्ख बिंदी
सुर्ख बिंदी
Awadhesh Singh
बड़े-बड़े सपने देखते हैं लोग
बड़े-बड़े सपने देखते हैं लोग
Ajit Kumar "Karn"
बारिश की बूंदों ने।
बारिश की बूंदों ने।
Taj Mohammad
माथे की बिंदिया
माथे की बिंदिया
Pankaj Bindas
अध्यापिका
अध्यापिका
Shashi Mahajan
3835.💐 *पूर्णिका* 💐
3835.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
शीर्षक - मेरा भाग्य और कुदरत के रंग
शीर्षक - मेरा भाग्य और कुदरत के रंग
Neeraj Agarwal
पंडित आदमी हूं इसके अतिरिक्त हिन्दी मिडियम के बच्चों को अंग्
पंडित आदमी हूं इसके अतिरिक्त हिन्दी मिडियम के बच्चों को अंग्
Sachin Mishra
*शुभ स्वतंत्रता दिवस हमारा (बाल कविता)*
*शुभ स्वतंत्रता दिवस हमारा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
चुनाव और विकास
चुनाव और विकास
SURYA PRAKASH SHARMA
सवर्ण और भगवा गोदी न्यूज चैनलों की तरह ही सवर्ण गोदी साहित्य
सवर्ण और भगवा गोदी न्यूज चैनलों की तरह ही सवर्ण गोदी साहित्य
Dr MusafiR BaithA
टिमटिमाता समूह
टिमटिमाता समूह
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...