हिन्दी के हित मान चाहिए
गीतिका
*
हर भारतवासी के मन में हिन्दी के हित मान चाहिए।
भारत माता की भाषा को सबसे ऊँचा स्थान चाहिए।
.
आजादी पाने की खातिर वीर हुए बलिदान बहुत।
उन वीरों की प्रिय भाषा को मिलना हर सम्मान चाहिए।
.
सूर कबीर रहीम तुलसी की भक्ति सुधा का भाव बह रहा।
उन कवियों की रचनाओं का आलोकित दिनमान चाहिए।
.
वेदों उपनिषदों की भाषा संस्कृत ने जिसको जनम दिया।
हर दिन संस्कृत की बेटी को चढ़ना नव सोपान चाहिए।
.
यह है गंगा यमुना की पावन धाराओं का अलंकरण।
जग में इससे गुंजित भारत का हर गौरवगान चाहिए।
.
*************************
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, १४/०९/२०१७