Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Dec 2023 · 1 min read

हिकारत जिल्लत

लेखक – डॉ अरुण कुमार शास्त्री
मौलिक – स्वरचित
शीर्षक – अहंकार *
अपचार , अवगणन अनादर अवग्रहण जिल्लात हकारत अवज्ञा अवहेलन मानहानि अपमान बेइज्जती किरकिरी प्रतिष्ठा में कमी

किरकिरी किसी की न कीजिए जनाब ।
हिकारत से देखना किसी को होता है खराब ।

हेठी कहाँ सुहाती है किसी इन्सान को ।
दिल जलता है आँख रोती है तभी तो ।

पद से हर कोई बराबर तो होता नहीं ।
अनादर चाहता कौन जिल्लत सहता नहीं ।

अब ये बात आप भी समझिए तो जनाब ।
हेठी से देखना किसी को होता है खराब ।

अवगुण किसी में देखना काम नहीं आपका ।
भला बुरा किसी को कहना गुण नहीं इन्सान का ।

अजी भगवान से भी थोड़ा डरा कीजिए ।
अवहेलना किसी की सामने-सामने न कीजिए ।

मानता हूँ कि फलां आदमी आपके कद का नहीं ।
नहीं चाहते आप मिलना मानी ये बात भी सही ।

पर उस इन्सान का अपमान तो न कीजिए साहब
अब ये बात आप भी समझिए तो जनाब ।

दुनिया है ये और दुनियादारी भी बहुत अहम होती है ।
हर किसी से मिल जाये शख्सियत ये बड़ी बात होती है ।

चाहत बनूँ सभी की ये चाहत भी सभी में होती है ।
भाग्य को दूसरे के भाई जी न कोसना ये सीखिएगा आप

Language: Hindi
229 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR ARUN KUMAR SHASTRI
View all
You may also like:
(*खुद से कुछ नया मिलन*)
(*खुद से कुछ नया मिलन*)
Vicky Purohit
नज़्म/कविता - जब अहसासों में तू बसी है
नज़्म/कविता - जब अहसासों में तू बसी है
अनिल कुमार
बस एक प्रहार कटु वचन का - मन बर्फ हो जाए
बस एक प्रहार कटु वचन का - मन बर्फ हो जाए
Atul "Krishn"
यादों की तस्वीर
यादों की तस्वीर
Dipak Kumar "Girja"
मोहता है सबका मन
मोहता है सबका मन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
हम कोई भी कार्य करें
हम कोई भी कार्य करें
Swami Ganganiya
*सब जग में सिरमौर हमारा, तीर्थ अयोध्या धाम (गीत)*
*सब जग में सिरमौर हमारा, तीर्थ अयोध्या धाम (गीत)*
Ravi Prakash
भरोसे के काजल में नज़र नहीं लगा करते,
भरोसे के काजल में नज़र नहीं लगा करते,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उनसे कहना अभी मौत से डरा नहीं हूं मैं
उनसे कहना अभी मौत से डरा नहीं हूं मैं
Phool gufran
मां बाप
मां बाप
Mukesh Kumar Sonkar
जिंदगी का मुसाफ़िर
जिंदगी का मुसाफ़िर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*बताओं जरा (मुक्तक)*
*बताओं जरा (मुक्तक)*
Rituraj shivem verma
अहसास
अहसास
Sangeeta Beniwal
लग रहा है बिछा है सूरज... यूँ
लग रहा है बिछा है सूरज... यूँ
Shweta Soni
*इश्क़ से इश्क़*
*इश्क़ से इश्क़*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
भूतल अम्बर अम्बु में, सदा आपका वास।🙏
भूतल अम्बर अम्बु में, सदा आपका वास।🙏
संजीव शुक्ल 'सचिन'
खयालात( कविता )
खयालात( कविता )
Monika Yadav (Rachina)
Janab hm log middle class log hai,
Janab hm log middle class log hai,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
रंजिशें
रंजिशें
AJAY AMITABH SUMAN
हर एक ईट से उम्मीद लगाई जाती है
हर एक ईट से उम्मीद लगाई जाती है
कवि दीपक बवेजा
# लोकतंत्र .....
# लोकतंत्र .....
Chinta netam " मन "
जिसकी बहन प्रियंका है, उसका बजता डंका है।
जिसकी बहन प्रियंका है, उसका बजता डंका है।
Sanjay ' शून्य'
2430.पूर्णिका
2430.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"शाश्वत"
Dr. Kishan tandon kranti
🙅संक्षिप्त समीक्षा🙅
🙅संक्षिप्त समीक्षा🙅
*प्रणय प्रभात*
मांँ
मांँ
Neelam Sharma
*हुस्न से विदाई*
*हुस्न से विदाई*
Dushyant Kumar
सबसे मुश्किल होता है, मृदुभाषी मगर दुष्ट–स्वार्थी लोगों से न
सबसे मुश्किल होता है, मृदुभाषी मगर दुष्ट–स्वार्थी लोगों से न
Dr MusafiR BaithA
हड़ताल
हड़ताल
नेताम आर सी
नारी और चुप्पी
नारी और चुप्पी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
Loading...