Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jan 2022 · 1 min read

हिंदू-मुस्लिम डिबेट

गुंडा बनाकर ही मानेगी!
कसाई बनाकर ही मानेगी!!
ज़ुल्म और तशद्दुद का
शैदाई बनाकर ही मानेगी!!
इनके रगों में घोलकर
फिरकापरस्ती का जहर
मीडिया नौजवानों को
दंगाई बनाकर ही मानेगी!!
Shekhar Chandra Mitra

Language: Hindi
238 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

तुम्हीं रस्ता तुम्हीं मंज़िल
तुम्हीं रस्ता तुम्हीं मंज़िल
Monika Arora
मौहब्बत क्या है? क्या किसी को पाने की चाहत, या फिर पाकर उसे
मौहब्बत क्या है? क्या किसी को पाने की चाहत, या फिर पाकर उसे
पूर्वार्थ
*
*"अवध के राम आये हैं"*
Shashi kala vyas
अच्छा नहीं होता बे मतलब का जीना।
अच्छा नहीं होता बे मतलब का जीना।
Taj Mohammad
हर ज़ख्म हमने पाया गुलाब के जैसा,
हर ज़ख्म हमने पाया गुलाब के जैसा,
लवकुश यादव "अज़ल"
अब नये साल में
अब नये साल में
डॉ. शिव लहरी
लतियाते रहिये
लतियाते रहिये
विजय कुमार नामदेव
बचपन
बचपन
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
"भलाई"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे दिल के मन मंदिर में , आओ साईं बस जाओ मेरे साईं
मेरे दिल के मन मंदिर में , आओ साईं बस जाओ मेरे साईं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
3358.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3358.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
.........?
.........?
शेखर सिंह
इश्क़ में कैसी हार जीत
इश्क़ में कैसी हार जीत
स्वतंत्र ललिता मन्नू
*अदरक (बाल कविता)*
*अदरक (बाल कविता)*
Ravi Prakash
पनौती
पनौती
आकाश महेशपुरी
संसार का स्वरूप(3)
संसार का स्वरूप(3)
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
सबक ज़िंदगी पग-पग देती, इसके खेल निराले हैं।
सबक ज़िंदगी पग-पग देती, इसके खेल निराले हैं।
आर.एस. 'प्रीतम'
बड़ा आदर सत्कार
बड़ा आदर सत्कार
Chitra Bisht
इतना भी अच्छा तो नहीं
इतना भी अच्छा तो नहीं
शिव प्रताप लोधी
अष्टविनायक के सदा
अष्टविनायक के सदा
Sukeshini Budhawne
वासुदेव
वासुदेव
Bodhisatva kastooriya
संतोष करना ही आत्मा
संतोष करना ही आत्मा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
GM
GM
*प्रणय*
माॅर्डन आशिक
माॅर्डन आशिक
Kanchan Khanna
ज्ञान /बोध मुक्तक
ज्ञान /बोध मुक्तक
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
निगाहें प्यार की ऊंची हैं सब दुवाओं से,
निगाहें प्यार की ऊंची हैं सब दुवाओं से,
TAMANNA BILASPURI
लिख रहा हूं कहानी गलत बात है
लिख रहा हूं कहानी गलत बात है
कवि दीपक बवेजा
कूच-ए-इश्क़ में मुहब्बत की कलियां बिखराते रहना,
कूच-ए-इश्क़ में मुहब्बत की कलियां बिखराते रहना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिंदगी समर है
जिंदगी समर है
D.N. Jha
सिर्फ तेरे चरणों में सर झुकाते हैं मुरलीधर,
सिर्फ तेरे चरणों में सर झुकाते हैं मुरलीधर,
कार्तिक नितिन शर्मा
Loading...