हिंदुत्व सेमेटिक मतों से भिन्न श्रेणी में है । यहुदी, ईसाईयत
हिंदुत्व सेमेटिक मतों से भिन्न श्रेणी में है । यहुदी, ईसाईयत और इस्लाम की तुलना में इसका इतिहास निःसंदेह कम उग्र था, क्योंकि यह प्राचीन समय में विश्वासए अंधविश्वास एवं बल प्रयोग से नहीं अपितु तर्क के बल से, विचार के बल से तथा चिंतन.मनन के बल से फैला था । वाद-विवाद, तर्क-वितर्क, चिंतन-मनन, विचार एवं शास्त्रार्थ इसके मूल में सदैव से रहे हैं । यह कोई ऐसी ईसाईयत व इस्लाम की तरह या नामदान संप्रदाय की तरह की विश्वास प्रणाली नहीं है जो धर्म में अंधविश्वास की समर्थक हो तथा बुद्धिमता पर रोक की मांग करती हो । इसके विपरीत यह तो तर्क, विचार, विमर्श व चिंतन को प्रोत्साहित करती है । यह सद्-चरित्र एवं तर्क पर आधारित सत्य की खोज है । इसमें धर्म, दर्शनशास्त्र व नीतिशास्त्र हेतु ही नहीं अपितु विज्ञान, अध्यात्म, खगोलशास्त्र, समाजशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, भूगोल, अंतरिक्षशास्त्र, भूगर्यशास्त्र, अर्थशास्त्र, रक्षाशास्त्र, ज्योतिष एवं चिकित्साशास्त्र संबंधी समृद्ध एवं वैज्ञानिक साहित्य मौजुद है ।