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23 Feb 2017 · 1 min read

हिंदी

जन जन की है भाषा हिंदी
भारत की अभिलाषा हिंदी
विश्व पटल पर कदम बढ़ाती
एक नई आशा है हिंदी

विश्व गुरू का मान है हिंदी
निज गौरव की आन है हिंदी
इससे बढ़कर नहीं और कुछ
भारत का स्वाभिमान है हिंदी

हमें गर्व हम हिंदुस्तानी
प्यारी हिंदी अपनी बानी
है भाषा ये पावन सरिता
ज्यों बहता गंगा में पानी

हिंदी को तुम प्यार करो
मां सा नेह दुलार करो
है भाषाओं की यह जननी
उसका नित सत्कार करो।

-डा विवेक सक्सेना

Language: Hindi
534 Views
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