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14 Sep 2021 · 1 min read

हिंदी

पहला-पहला था शब्द सुना ।
माॅं ने हिन्दी को सदा चुना ।
जब कलम हाथ में आई थी ।
तब पृष्ठ पे हिन्दी छाई थी ।

तुतलाकर बोला प्रथम बार..
निकला था मुॅंह से तब माई!
वंदन देवी का किया गया..
हिन्दी थी उसमें इतराई!

दादी जब गीत सुनाती थीं ।
गर्वित हिन्दी लहराती थी ।
बाबा की ऑंखें छलकी थीं ।
हिन्दी भावों पर छाती थी ।

जिस लोरी को था सुना सदा..
हिन्दी थी उसमें मुस्काई..
विनती जब ईश की सीखी थी..
थी बस हिन्दी की अरूणाई..

जब कदम धरा विद्यालय में..
हिन्दी का ऑंचल लहराया..
दुनिया के हर कोने -कोने..
हिन्दी ने परचम फहराया!

पुस्तक के संग में ग्रंथ कई..
विद्वानों ने थे रच डाले!
तब नाम किया जिन रत्नों ने..
सब थे हिन्दी के रखवाले!

निखरेगी नव श्रंगार किये..
पथ पर न कोई बाधा है!
अब विश्व पटल पर चमकेगी..
हिन्दी ये अपना वादा है।।

स्वरचित
रश्मि लहर
लखनऊ

Language: Hindi
219 Views
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