Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2021 · 1 min read

हिंदी

पहला-पहला था शब्द सुना ।
माॅं ने हिन्दी को सदा चुना ।
जब कलम हाथ में आई थी ।
तब पृष्ठ पे हिन्दी छाई थी ।

तुतलाकर बोला प्रथम बार..
निकला था मुॅंह से तब माई!
वंदन देवी का किया गया..
हिन्दी थी उसमें इतराई!

दादी जब गीत सुनाती थीं ।
गर्वित हिन्दी लहराती थी ।
बाबा की ऑंखें छलकी थीं ।
हिन्दी भावों पर छाती थी ।

जिस लोरी को था सुना सदा..
हिन्दी थी उसमें मुस्काई..
विनती जब ईश की सीखी थी..
थी बस हिन्दी की अरूणाई..

जब कदम धरा विद्यालय में..
हिन्दी का ऑंचल लहराया..
दुनिया के हर कोने -कोने..
हिन्दी ने परचम फहराया!

पुस्तक के संग में ग्रंथ कई..
विद्वानों ने थे रच डाले!
तब नाम किया जिन रत्नों ने..
सब थे हिन्दी के रखवाले!

निखरेगी नव श्रंगार किये..
पथ पर न कोई बाधा है!
अब विश्व पटल पर चमकेगी..
हिन्दी ये अपना वादा है।।

स्वरचित
रश्मि लहर
लखनऊ

Language: Hindi
237 Views

You may also like these posts

My answer
My answer
Priya princess panwar
मुकाम
मुकाम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
।। श्री सत्यनारायण ब़त कथा महात्तम।।
।। श्री सत्यनारायण ब़त कथा महात्तम।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आह और वाह
आह और वाह
ओनिका सेतिया 'अनु '
चांद-तारे तोड के ला दूं मैं
चांद-तारे तोड के ला दूं मैं
Swami Ganganiya
23/177.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/177.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
राष्ट्रशांति
राष्ट्रशांति
Neeraj Agarwal
"जिन्दादिल"
Dr. Kishan tandon kranti
बड़ी मुद्दतों के बाद
बड़ी मुद्दतों के बाद
VINOD CHAUHAN
एक और बलात्कारी अब जेल में रहेगा
एक और बलात्कारी अब जेल में रहेगा
Dhirendra Singh
तमाम आरजूओं के बीच बस एक तुम्हारी तमन्ना,
तमाम आरजूओं के बीच बस एक तुम्हारी तमन्ना,
Shalini Mishra Tiwari
बंदर का खेल!
बंदर का खेल!
कविता झा ‘गीत’
हर नया दिन
हर नया दिन
Nitin Kulkarni
कटलो से ना कटे जीनिगी
कटलो से ना कटे जीनिगी
आकाश महेशपुरी
किसी से कम नही नारी जमाने को बताना है
किसी से कम नही नारी जमाने को बताना है
Dr Archana Gupta
मेरे वर्णों को नया आयाम दिया
मेरे वर्णों को नया आयाम दिया
Pramila sultan
दिल में दबे कुछ एहसास है....
दिल में दबे कुछ एहसास है....
Harminder Kaur
*मंजिल मिलेगी तुम अगर, अविराम चलना ठान लो 【मुक्तक】*
*मंजिल मिलेगी तुम अगर, अविराम चलना ठान लो 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
कैसा हूं मैं
कैसा हूं मैं
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
सत्य
सत्य
Rambali Mishra
मासूमियत।
मासूमियत।
Amber Srivastava
एक गीत तुमको लिखा
एक गीत तुमको लिखा
Praveen Bhardwaj
सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।।
सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।।
Abhishek Soni
वेदों का काव्यात्मक अनुवाद : एक विलक्षण कार्य।
वेदों का काव्यात्मक अनुवाद : एक विलक्षण कार्य।
श्रीकृष्ण शुक्ल
देखो वो देश जलाकर
देखो वो देश जलाकर
योगी कवि मोनू राणा आर्य
कुछ लोग
कुछ लोग
Dr.Pratibha Prakash
यमराज का प्रश्न
यमराज का प्रश्न
Sudhir srivastava
अच्छा लगा
अच्छा लगा
Kunal Kanth
मैं नहीं तो कौन
मैं नहीं तो कौन
Rekha khichi
Loading...