हिंदी से मेरा नाता कुछ कुछ मां जैसा है
हिंदी से मेरा नाता कुछ कुछ मां जैसा है
जैसे मां उंगली पकड़ पकड़ कर मुझे चलाई थी
वैसे ही हिंदी से पहली अभिव्यक्ति आई थी
सोचो गर ये सब कुछ एक करिश्मा जैसा है
हिंदी से मेरा नाता कुछ कुछ मां जैसा है…
फिर तुतला तुतला कर मैंने शब्द पकड़ना सीखा
प्यारी प्यारी बोली से सबका दिल जीतना सीखा
भाषा का विस्तार देखिए आसमां जैसा है
हिंदी से मेरा नाता कुछ कुछ मां जैसा है…
पीड़ा प्रेम स्नेह क्रोध सब व्यक्त किया तेरे बल से
बुद्धि का विकास किया उत्कर्ष किया नभ तक तल से
सिंचित कर रहा मन को बागबां जैसा है
हिंदी से मेरा नाता कुछ कुछ मां जैसा है…
गीतों में कविताओं में गज़ल वेद ऋचाओं में
लेख कहानी उपन्यास मधुर मधुर क्षणिकाओं में
अद्भुत ये संसार शब्दों का गुलिस्तां जैसा है
हिंदी से मेरा नाता कुछ कुछ मां जैसा है…
– विवेक जोशी ”जोश”