हिंदी सबसे प्यारा है
भाषा अमर हिंद का मेरे
हिंदी राजदुलारा है।
रोम-रोम में मेरे हिंदी
हिंदी सबसे प्यारा है।।
भारत की आशा है
जन-जन की भाषा है,
पूरे देश को जोड़े रक्खे
वो मजबूत धागा है।
हिंदी से ही भारत के हर
घर-घर में उजियारा है।
रोम-रोम में मेरे हिंदी
हिंदी सबसे प्यारा है।।
आन, बान, शान है
शुभ चेतना का वरदान है,
हिंदी हमारी वेदना भी
हिंदी हमारा गान है।
हल्के में न लो हिंदी को
हिंदी पहचान हमारा है।
रोम-रोम में मेरे हिंदी
हिंदी सबसे प्यारा है।।
जिसे कबीर ने जाना है
अपना मीरा ने माना है,
प्रेमचंद्र मुंशी ने जिसकी
रग-रग को पहचाना है।
आचार्य शुक्ल ने हिंदी से
हिंदी साहित्य संवारा है।
रोम-रोम में मेरे हिंदी
हिंदी सबसे प्यारा है।।
शेख रहमत अली “बस्तवी”
बस्ती (उ, प्र,)
7317035246