Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Sep 2021 · 1 min read

हिंदी- राष्ट्र गौरव की भाषा

है हिंदी मेरी मिट्टी की भाषा
है हिंदी मेरे अपनो की भाषा
है हिंदी मेरी अभिव्यक्ति की भाषा
है हिंदी मेरे सपनो की भाषा।।

है हिंदी मेरी धड़कनों की भाषा
है हिंदी हम,हिंदी है हमारी भाषा
है हिंदी हमारे संवाद की भाषा
है हिंदी खट्टी मीठी यादों की भाषा।।

है हिंदी मेरी गलियों की भाषा
है हिंदी नन्ही कलियों की भाषा
है हिंदी तेरे मेरे दिल की भाषा
है हिंदी मेरे जज्बातों की भाषा।।

है हिंदी मेरे यारों की भाषा
है हिंदी मेरे गीतों की भाषा
है हिंदी मेरे कर्मों की भाषा
है हिंदी उजले दीपों की भाषा।।

है हिंदी मेरी पहचान की भाषा
है हिंदी मेरे राष्टगौरव की भाषा
है हिंदी मेरे भारत राष्ट्र की भाषा
है हिंदी हम सबकी मातृ भाषा।।

Language: Hindi
4 Likes · 820 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
View all
You may also like:
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
*परिवार: सात दोहे*
*परिवार: सात दोहे*
Ravi Prakash
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
ये जो नफरतों का बीज बो रहे हो
ये जो नफरतों का बीज बो रहे हो
Gouri tiwari
कभी धूप तो कभी खुशियों की छांव होगी,
कभी धूप तो कभी खुशियों की छांव होगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सारे दुख दर्द होजाते है खाली,
सारे दुख दर्द होजाते है खाली,
Kanchan Alok Malu
दो अनजाने मिलते हैं, संग-संग मिलकर चलते हैं
दो अनजाने मिलते हैं, संग-संग मिलकर चलते हैं
Rituraj shivem verma
खैर-ओ-खबर के लिए।
खैर-ओ-खबर के लिए।
Taj Mohammad
अगर आप किसी कार्य को करने में सक्षम नहीं हैं,तो कम से कम उन्
अगर आप किसी कार्य को करने में सक्षम नहीं हैं,तो कम से कम उन्
Paras Nath Jha
जिसने अपने जीवन में दुख दर्द को नही झेला सही मायने में उसे क
जिसने अपने जीवन में दुख दर्द को नही झेला सही मायने में उसे क
Rj Anand Prajapati
“चिट्ठी ना कोई संदेश”
“चिट्ठी ना कोई संदेश”
DrLakshman Jha Parimal
तुम्हारा दिल ही तुम्हे आईना दिखा देगा
तुम्हारा दिल ही तुम्हे आईना दिखा देगा
VINOD CHAUHAN
अब आदमी के जाने कितने रंग हो गए।
अब आदमी के जाने कितने रंग हो गए।
सत्य कुमार प्रेमी
काव्य में अलौकिकत्व
काव्य में अलौकिकत्व
कवि रमेशराज
2684.*पूर्णिका*
2684.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीवन है
जीवन है
Dr fauzia Naseem shad
उफ्फ्फ
उफ्फ्फ
Atul "Krishn"
😊
😊
*प्रणय प्रभात*
जाहिलों को शिक्षा, काहिलों को भिक्षा।
जाहिलों को शिक्षा, काहिलों को भिक्षा।
Sanjay ' शून्य'
जीवन के रूप (कविता संग्रह)
जीवन के रूप (कविता संग्रह)
Pakhi Jain
" महक संदली "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
हो गए दूर क्यों, अब हमसे तुम
हो गए दूर क्यों, अब हमसे तुम
gurudeenverma198
"खरगोश"
Dr. Kishan tandon kranti
फोन:-एक श्रृंगार
फोन:-एक श्रृंगार
पूर्वार्थ
आंतरिक विकाश कैसे लाए। - रविकेश झा
आंतरिक विकाश कैसे लाए। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
*मेरे साथ तुम हो*
*मेरे साथ तुम हो*
Shashi kala vyas
" सब किमे बदलग्या "
Dr Meenu Poonia
दीवारों की चुप्पी में
दीवारों की चुप्पी में
Sangeeta Beniwal
दीया इल्म का कोई भी तूफा बुझा नहीं सकता।
दीया इल्म का कोई भी तूफा बुझा नहीं सकता।
Phool gufran
साधा तीखी नजरों का निशाना
साधा तीखी नजरों का निशाना
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...