हिंदी दोहे – हर्ष
हिंदी दोहे विषय – हर्ष
#राना रखना हर्ष को,इसके बिन जग सून।
मुख पर छाती कालिमा,ठंडा रहता खून।।
#राना अच्छे कर्म से ,मन में आता हर्ष।
जग से मिलता मान है,बनते शुचि आदर्श।।
नहीं छिपे मुख पर कभी,जब आता है हर्ष।
मिली सफलता आपको,’राना’ का निष्कर्ष।।
रहता हर्ष विषाद है,#राना इस संसार।
सदा एक-सा जो रहे,उसको मिलता प्यार।।
#आते जब त्यौहार हैं,’राना’ देखे हर्ष।
पूजा करते देव की,करें भाव से दर्श।।
एक हास्य दोहा –
धना कहे’राना’ सुनो,मेरा है निष्कर्ष।
अवसर पाते आज ही,घर के धो लो फर्श।।
✍️ -राजीव नामदेव “राना लिधौरी”
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
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