Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jun 2023 · 1 min read

हिंदी दोहा -रथ

हिन्दी दोहा- प्रदत्त शब्द- रथ

जगन्नाथ जी रथ चढ़ें , करते पुरी विहार |
सभी भक्त #राना करें , मिलकर के जयकार ||

शुक्ल पक्ष आषाढ़ का , दूजी तिथि को जान |
जगन्नाथ का रथ चले , #राना करता गान ||

#राना रथ में बैठते , यहाँ द्वारकाधीश |
सभी भक्तगण खींचते , मुस्काते जगदीश ||

बनते #राना तीन रथ , पहला श्री बलराम |
दूज सुभदरा जानिए , तीजा है श्री श्याम ||

तालध्वज बलराम का , #राना रथ कहलाय |
दर्पदलन है मघ्य का , अंतिम पद्म कहाय ||
*** दिनांक -27.6.2023

-राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com

1 Like · 389 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
View all
You may also like:
मुक्तक .....
मुक्तक .....
Neelofar Khan
जुनून
जुनून
अखिलेश 'अखिल'
कुछ कहमुकरियाँ....
कुछ कहमुकरियाँ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
"करारी हार के ‌शिकार लोग ही,
पूर्वार्थ
শিবকে নিয়ে লেখা কবিতা
শিবকে নিয়ে লেখা কবিতা
Arghyadeep Chakraborty
#छोटी_कविता *(बड़ी सोच के साथ)*
#छोटी_कविता *(बड़ी सोच के साथ)*
*प्रणय*
*मैं भी कवि*
*मैं भी कवि*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हमेशा गिरगिट माहौल देखकर रंग बदलता है
हमेशा गिरगिट माहौल देखकर रंग बदलता है
शेखर सिंह
आइये झांकते हैं कुछ अतीत में
आइये झांकते हैं कुछ अतीत में
Atul "Krishn"
दुःख पहाड़ जैसे हों
दुःख पहाड़ जैसे हों
Sonam Puneet Dubey
आँगन मधुबन करते जाओ
आँगन मधुबन करते जाओ
Ashok deep
नकाबे चेहरा वाली, पेश जो थी हमको सूरत
नकाबे चेहरा वाली, पेश जो थी हमको सूरत
gurudeenverma198
आनंद और शांति केवल वर्तमान में ही संभव है, दुःख केवल अतीत मे
आनंद और शांति केवल वर्तमान में ही संभव है, दुःख केवल अतीत मे
Ravikesh Jha
पहले मैं इतना कमजोर था, कि ठीक से खड़ा भी नहीं हो पाता था।
पहले मैं इतना कमजोर था, कि ठीक से खड़ा भी नहीं हो पाता था।
SPK Sachin Lodhi
दादी की वह बोरसी
दादी की वह बोरसी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
जिस्मानी इश्क
जिस्मानी इश्क
Sanjay ' शून्य'
फूल चेहरों की ...
फूल चेहरों की ...
Nazir Nazar
।।  अपनी ही कीमत।।
।। अपनी ही कीमत।।
Madhu Mundhra Mull
हर दिल खूबसूरत है
हर दिल खूबसूरत है
Surinder blackpen
"चौराहे में"
Dr. Kishan tandon kranti
एक तो धर्म की ओढनी
एक तो धर्म की ओढनी
Mahender Singh
Sometimes even after finishing the chapter and bidding it a
Sometimes even after finishing the chapter and bidding it a
Chaahat
मामले के फ़ैसले अदालत में करने से बेहतर है की आप अपने ही विर
मामले के फ़ैसले अदालत में करने से बेहतर है की आप अपने ही विर
Rj Anand Prajapati
प्रिये का जन्म दिन
प्रिये का जन्म दिन
विजय कुमार अग्रवाल
बॉस की पत्नी की पुस्तक की समीक्षा (हास्य व्यंग्य)
बॉस की पत्नी की पुस्तक की समीक्षा (हास्य व्यंग्य)
Ravi Prakash
3979.💐 *पूर्णिका* 💐
3979.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
फनीश्वरनाथ रेणु के जन्म दिवस (4 मार्च) पर विशेष
फनीश्वरनाथ रेणु के जन्म दिवस (4 मार्च) पर विशेष
Paras Nath Jha
अ'ज़ीम शायर उबैदुल्ला अलीम
अ'ज़ीम शायर उबैदुल्ला अलीम
Shyam Sundar Subramanian
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
काला धन काला करे,
काला धन काला करे,
sushil sarna
Loading...