हिंदी दोहा -रथ
हिन्दी दोहा- प्रदत्त शब्द- रथ
जगन्नाथ जी रथ चढ़ें , करते पुरी विहार |
सभी भक्त #राना करें , मिलकर के जयकार ||
शुक्ल पक्ष आषाढ़ का , दूजी तिथि को जान |
जगन्नाथ का रथ चले , #राना करता गान ||
#राना रथ में बैठते , यहाँ द्वारकाधीश |
सभी भक्तगण खींचते , मुस्काते जगदीश ||
बनते #राना तीन रथ , पहला श्री बलराम |
दूज सुभदरा जानिए , तीजा है श्री श्याम ||
तालध्वज बलराम का , #राना रथ कहलाय |
दर्पदलन है मघ्य का , अंतिम पद्म कहाय ||
*** दिनांक -27.6.2023
-राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
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