*हिंदी दिवस मनावन का मिला नेक ईनाम*
हिंदी दिवस मनावन का मिला नेक ईनाम
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हिंदी दिवस मनावन का मिला नेक ईनाम।
नंबर पलेट लिखवाने पर कट गया चालान।
शौक – शौक से था लिया नया नवेला वाहन,
हिंदी में नंबर लिखवाया जाये सबका ध्यान।
रोक लिया दे हाथ सामने मै और मेरा वाहन,
खाकी वर्दी में दो थे खड़े नाके पर मेहरबान।
कौनसी भाषा मे है लिखा कौनसी है जुबान,
हमें समझ आया नही क्या नंबर पहलवान।
नियम कायदे अंग्रेजी में क्यों भूले हो इंसान,
नंबर तुमने क्यो लिखवाया हिंदी में नादान।
पुलिसकर्मी ने लिखा अंग्रेजी में पर्चा आन,
चलान काट थमा दिया हिंदी प्रेमी का मान।
मुंह लटकाये अदालत में गया लेने इंसाफ,
खरी खोटी जज ने सुनाई निकलनें को प्राण।
मनसीरत मेहरबानी हुई पहली गलती जान।
दो हजार का एक हुआ भुगत गया चालान।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)