Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2020 · 1 min read

हिंदी दिवस पर हर बोली भाषा को मेरा नमस्कार

नमस्कार मैं हिंदी हूं, मैं पूरब से आई हूं
प्रेम और शुभ संदेशों को, मैं भारत से लाई हूं
मेरे देश में बोली जातीं, कई बोली भाषाएं
प्रेम और विश्वास जगातीं, मानवता की आशाएं
ज्ञान का भंडार हैं सब, रचना है वेद पुराणों की
कथा साहित्य की जननी हैं, ज्ञान और विज्ञानों की
हर बोली भाषा अंचल को, प्रीत हृदय से करती हूं
मानवता के लिए समर्पित, गीत प्रेम के रचती हूं
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण, दसों दिशा महकाती हूं
प्रेम भरे गीतों छंदों में, सबका अभिनंदन गाती हूं
सीखती हूं हर बोली भाषा, सम्मान सभी का करती हूं
ज्ञान और विज्ञान कोष, मैं सहज समर्पित करती हूं
मानवीय उत्कृष्ट संस्कृति, मेरे भारत की धरती है
सारी दुनिया है परिवार, मेरे आंचल में बसती है
धर्म आध्यात्म के गूढ़ विषय, साहित्य में मेरे बसते हैं
सत्य प्रेम और करुणा के, सुमन सदा ही खिलते हैं
मुझे नहीं है वैर किसी से, सबसे मुझे लगाव है
निर्मल बहती हूं गंगा सी, यही मेरा स्वभाव है
मानवता के लिए सभी, प्रेम से मिलकर बात करें
दूर करें अज्ञान अंधेरा, जन जीवन में प्रेम भरें
जाती पाती भाषा धर्म भेद, धरती से हमें मिटाना है
प्रेम और सद्भाव बड़े, दुनिया नई बनाना है
हर बोली भाषा के, ज्ञान को हम स्वीकार करें
हिंसा और अज्ञान अंधेरा, डटकर सब प्रतिकार करें

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
8 Likes · 16 Comments · 440 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
किसी की सेवा...
किसी की सेवा...
ओंकार मिश्र
5. इंद्रधनुष
5. इंद्रधनुष
Rajeev Dutta
मौन
मौन
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*आवागमन के साधन*
*आवागमन के साधन*
Dushyant Kumar
बावन यही हैं वर्ण हमारे
बावन यही हैं वर्ण हमारे
Jatashankar Prajapati
4565.*पूर्णिका*
4565.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
श्री राम मंदिर
श्री राम मंदिर
Mukesh Kumar Sonkar
हिंदी दिवस पर ग़ज़ल
हिंदी दिवस पर ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
दोहा पंचक. . .
दोहा पंचक. . .
sushil sarna
अंतिम क्षणों का संदेश
अंतिम क्षणों का संदेश
पूर्वार्थ
वक्त ये बदलेगा फिर से प्यारा होगा भारत ,
वक्त ये बदलेगा फिर से प्यारा होगा भारत ,
Neelofar Khan
" नैना हुए रतनार "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
शेखर सिंह
मसला ये नहीं कि कोई कविता लिखूं ,
मसला ये नहीं कि कोई कविता लिखूं ,
Manju sagar
तेरी जुस्तुजू
तेरी जुस्तुजू
Shyam Sundar Subramanian
बेटी दिवस मनाने का लाभ तभी है ,
बेटी दिवस मनाने का लाभ तभी है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
मैं पर्वत हूं, फिर से जीत......✍️💥
मैं पर्वत हूं, फिर से जीत......✍️💥
Shubham Pandey (S P)
#आज_का_आभास-
#आज_का_आभास-
*प्रणय प्रभात*
याद रख कर तुझे दुआओं में ,
याद रख कर तुझे दुआओं में ,
Dr fauzia Naseem shad
साकार आकार
साकार आकार
Dr. Rajeev Jain
खिंची लकीर
खिंची लकीर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बर्फ
बर्फ
Santosh kumar Miri
हे राम!धरा पर आ जाओ
हे राम!धरा पर आ जाओ
Mukta Rashmi
यादों की किताब पर खिताब
यादों की किताब पर खिताब
Mahender Singh
बाल कविता: जंगल का बाज़ार
बाल कविता: जंगल का बाज़ार
Rajesh Kumar Arjun
खाया रसगुल्ला बड़ा , एक जलेबा गर्म (हास्य कुंडलिया)
खाया रसगुल्ला बड़ा , एक जलेबा गर्म (हास्य कुंडलिया)
Ravi Prakash
प्रेम के दो  वचन बोल दो बोल दो
प्रेम के दो वचन बोल दो बोल दो
Dr Archana Gupta
"सफ़े"
Dr. Kishan tandon kranti
मतलबी नहीं हूँ
मतलबी नहीं हूँ
हिमांशु Kulshrestha
आजादी का उत्सव
आजादी का उत्सव
Neha
Loading...