हिंदी के लेखकों से
तुम अपने देश और
समाज की
समसामयिक चुनौतियों से
बचकर निकल जाना
चाहते हो कि
तुम कोई
कालजयी रचना कर सको।
चलो, मान लो कि
तुमने ऐसा कुछ
कर भी लिया तो
वह हमारे
किस काम होगा?
जिन कृतियों में
हमारे हृदय
नहीं धड़कते,
जिन कृतियों में
हमारे समय की
अनुगूंज नहीं,
उन कृतियों में
हमें क्या आग लगानी है !
(हिंदी के लेखकों से)