हिंदी के ज्ञानपीठ पुरस्कार (शार्ट ट्रिक)
हिंदी के ज्ञानपीठ पुरस्कार (शार्ट ट्रिक)
चारों कृतियों को मिला, ज्ञानपीठ पुरस्कार।
प्रथम पंत की ‘चिदंबरा’, दूजे दिनकर यार।।
रामधारी की ‘उर्वशी’, वर्ष बहत्तर सार।
कितनी नावों में मिला, अज्ञेय कितनी बार।।
महादेवी की पुस्तक, ‘यामा’ अंतिम याद।
मिला संपूर्ण कोश को, यह यामा के बाद।।
नरेश मेहता निर्मल, कुँवर नरायण शांत।
श्रीलाल के साथ में, जुड़े अमर के कांत।।
मिला केदारनाथ को, सन् तेरह का साथ।
फिर-फिर कृष्णा सोबती, मार ले गई हाथ।।
©दुष्यन्त ‘बाबा’