हिंदी और अंग्रेजी
फूट डालो राज करो की नीति से ,हमे गुलाम कर गए।
अब बारी भाषा की आ गयी है ,कि ऐसा काम कर गए।
हर हिंदुस्तानी भाषा में ,अंग्रेजी शब्दों के गद्दार छिपे हैं।
हम सीधे हमारी भाषा सीधी ,इसलिए लिए तो हरबार छिपे हैं।
सीधी हिंदी सीधी भोजपुरी ,इन शब्दों बिन बोलेगा कौन।
हिंदी कपड़े धागा अंग्रेजी ,ऐसी सिलवट खोलेगा कौन।
जहाँ देखो उसी ठौर ,अंग्रेजी ही अंग्रेजी छाई है।
अब तो हर एक हिंदुस्तानी भाषा में ,तनहाई है।
भाषा का शोधन कर के, हर एक रूप में शुद्ध करें।
भारत के हर एक पुत्र को हिंदी के प्रति प्रबुद्ध करें।
-सिद्धार्थ पाण्डेय