हास्य :-वृतांत
पढ़े गारंटी है,
हँसी बिल्कुल नहीं आएगी,
ये तो बस views का चश्का है,
वरन् किसे हँसने-हँसाने की पड़ी है,
.
*दुखी है सब,
पर कोई सुखी भी तो नहीं मिलता,
जिसे अपने दिल का वृतांत सुनाएं,
.
जिसे खोजें,
जिधर खोजें,
कोई न मिले सुखी,
चारों तरफ अपने जैसे है भाई,
मैंने भी पूछ लिया,
मुझे तो सुखी कोई मिला नहीं ?
क्या तुम खोज पाऐ भाई ?
.
सबने हंसकर हाल सुनाए,
अब कौन कहें ?
ये सुखी है या दुखी भाई,
.
जैसा हु अच्छा हु
कौन सर्वे में हाथ बँटाए,
हरदम सुखी और खुश रहे महेंद्र भाई,
कोई भी सच नहीं है बताते,
सब अव्वल है बनना चाहते,
views का चसका है भड़का,
तलवार सम लटका,
.
देखों यहाँ एक बूंद चासनी,
हजारों की भीड़ जुटी है,
कहाँ सुख..कहाँ शांति,
सबकी जिंदगी मझदार फंसी है,
.
भगवान सबको शांति दे !
अपनी तो जैसे कटे वैसी भली है,
जिसे हँसी नहीं आई वो
हँसने का प्रयास करे भाई,
जयहिंद,सब उजड़े फिर बसे,
सबको पसंद का घर मिले,
इतिहास से शिकायत बड़ी है,
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