हास्य कविता
हास्य कविता
यक रिक्शे वाले से पूछे, स्टेशन लै चलिये। हमरी सूरत देख के बोला, तुम भाडा दै पाइहौ।। फर्स्ट क्लास के दस रुपया है, सेकंड क्लास कै चार। थर्ड क्लास कै दुई रुपया है, ई है रेट हमार।
हम कहें भईया रिक्शे वाले, हमका तनिक समझाओ तो। यक रिक्शा मा तिन तिन दर्जा ई कैसे तो बतलाओ तो।
दस रुपया मा ऐसे चलवे जैसे न हो हेलीकाप्टर। चार जौ देबाउ, बिरिक न लेबै ठोकर लागे या पाथर।
दुई रुपया जो हमका दे बो, रहे मामला उल्टा। हम रिक्शा पै बैठि के चलबे,
आप चलैबो रिक्शा।
सुनीता गुप्ता कानपुर
उत्तर प्रदेश।