हास्य कविता
राज दिल के कोने तक जाते रहे
बो हमारे और करीब आते रहे
हमने देखा ना प्यार से बरना
वो हमको बहुत लुभाते रहे
हम मिले थे एक चाट की दुकान पर
वो फुल्की और हम चाट खाते रहे ।
राज दिल के कोने तक जाते रहे
बो हमारे और करीब आते रहे
हमने देखा ना प्यार से बरना
वो हमको बहुत लुभाते रहे
हम मिले थे एक चाट की दुकान पर
वो फुल्की और हम चाट खाते रहे ।