हास्य कविता
स्कूटी अपनी चाल पर———बहुत रही मदहोश।
पाला पडा जब बाइक –से तब आवा ऊ का होश
बाइक बोली सुन ———गौरैया मान ले हमरी बात
हमसे आगे निकरि न पैहौ हम कछुआ तू खरगोश।
प्रीतम राठौर ह भिनगाई
श्रावस्ती (उ०प्र०)
स्कूटी अपनी चाल पर———बहुत रही मदहोश।
पाला पडा जब बाइक –से तब आवा ऊ का होश
बाइक बोली सुन ———गौरैया मान ले हमरी बात
हमसे आगे निकरि न पैहौ हम कछुआ तू खरगोश।
प्रीतम राठौर ह भिनगाई
श्रावस्ती (उ०प्र०)