* हासिल होती जीत *
** गीतिका **
~~
भीषण संघर्षों के कारण, हासिल होती जीत।
लिए विजय की ध्वजा साथ में, गाते गौरव गीत।
सबको गले लगाएंगे हम, लेंगे सबका साथ।
कोई नहीं पराया जग में, सब हैं अपने मीत।
साथ मिलें तो होता जग में, सबका खूब विकास।
युगों युगों से चली आ रही, है यह पावन रीत।
खुले हृदय से सहन करें सब, पथ में आते कष्ट।
हर ऋतु का संदेश यही है, वर्षा गर्मी शीत।
परिवर्तन का नियम अटल है, रहें सदा गतिमान।
समय पूर्ण होने पर सारे, मौसम जाते बीत।
आस्था दृढ़ संकल्प लिए जब, मन में हो विश्वास।
मंदिर देवालय बनते तब, भव्य कल्पनातीत।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य