हालात
कोई कैसे बयान करे अपने हालातो को ।
जमाना हो गया उनसे की मुलाकातों को ।
मयस्सर नही उनके पास जरा सा भी वक्त ,
और हम इंतजार करते रहते है रातों को ।
कोई कैसे बयान करे अपने हालातो को ।
जमाना हो गया उनसे की मुलाकातों को ।
मयस्सर नही उनके पास जरा सा भी वक्त ,
और हम इंतजार करते रहते है रातों को ।