हालात मेरे साथ नहीं
***हालात मेरे साथ नहीं***
**********************
मेरे हालात मेरे साथ नहीं
मेरे सिर पर कोई हाथ नहीं
कहने को कइयों की सोहबत
मौके पर था कोई साथ नहीं
परछाइयां सहचार छोड़ रहीं
मगर यारों मैं हूँ अनाथ नहीं
दुश्मनों की दुश्मनी रास आई
दोस्तों भरा मिला पाथ नहीं
शौकत, शौहरतों के शौकीन
जिन्दगी में मिली गाथ नहीं
दिन रात ईश्वर को पूजते रहे
ऐसे लगे जैसे मिले नाथ नहीं
मनसीरत पथ पर बढ़ता रहा
राही कभी देखा निस्वार्थ नहीं
**********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)