हालात ए शोख निगाहों से जब बदलती है ।
हालात ए शोख निगाहों से जब बदलती है ।
बिजलियां गिराकर मौहब्बत की शम्मा जलती हैं
खुशबू ए आती है शर्मो-हया की उस दम ।
जब बहनें हिजाब पहनकर घर से निकलती हैं।
Phool gufran
हालात ए शोख निगाहों से जब बदलती है ।
बिजलियां गिराकर मौहब्बत की शम्मा जलती हैं
खुशबू ए आती है शर्मो-हया की उस दम ।
जब बहनें हिजाब पहनकर घर से निकलती हैं।
Phool gufran