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26 Jan 2024 · 1 min read

हार भी स्वीकार हो

जीवन का जीवन पर
तेरे ये भी उपकार हो ।

केवल सफलता ही नहीं
हार भी स्वीकार हो ।।

वाणी तेरी मीठी-मीठी
उच्य तेरे विचार हो ।

मित्र बने शत्रु भी तेरे
ऐसा तेरा व्यवहार हो ।।

तेरी प्रतिष्ठा तेरा गौरव
जीवन का पर्याय हो ।

जाग उठे आत्मा तेरी
ऐसी एक ललकार हो ।।

कर दूं तुझे आत्मा ही नहीं
हर श्वास समर्पित ।

मेरा तुझपर मेरे प्रिय
इतना तो अधिकार हो ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

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