हार नहीं होती
इस शीतलहर से लड़ते-लड़ते, सुगंधित कोंपलें भी खिल जाती हैं।
कर्मठता से प्रयास करते रहिए, मंज़िलें तो एक दिन मिल जाती है।
जिसका साहस व सामर्थ्य जीवित है, उसकी कभी हार नहीं होती।
वैचारिक मतभेद की स्थिति, कभी भी उसका प्रतिकार नहीं होती।
कमियां ढूंढें, उन पे काम करें, यही वास्तविक विकास का क्रम है।
जीत मिलना एक रात की कहानी, ये सत्य नहीं, मात्र एक भ्रम है।
माना अपूर्णता एक कमी है, किंतु इससे ज़िंदगी बेज़ार नहीं होती।
वैचारिक मतभेद की स्थिति, कभी भी उसका प्रतिकार नहीं होती।
यदि घनघोर रातों से नहीं लड़ता, तो कभी सूर्य का उदय न होता।
जो हारने से जीवन रुक जाता, तो इसका ये भाव विलय न होता।
ऋतु बदलना या दिन-रात होना, ये कोई दैवीय उपकार नहीं होता।
वैचारिक मतभेद की स्थिति, कभी भी उसका प्रतिकार नहीं होती।
जीत पाने का एक निश्चित नियम, अपनी गलतियों पर ध्यान करो।
जीत मिले तो निखरते चलो, हार मिले तो उसका भी सम्मान करो।
भूल-चूक संयोग से ही होती है, इसकी ये परिधि संसार नहीं होती।
वैचारिक मतभेद की स्थिति, कभी भी उसका प्रतिकार नहीं होती।
चाहे बुरा हो या अच्छा, हालात बदल जाएंगे, ये समय भी बीतेगा।
आज जो भी खिलाड़ी हार गया है, वो तो निश्चित ही कल जीतेगा।
हार-जीत ही निर्णायक पहलू हैं, ये कथनी उच्च विचार नहीं होती।
वैचारिक मतभेद की स्थिति, कभी भी उसका प्रतिकार नहीं होती।