हारो मत हिम्मत रखो , जीतोगे संग्राम (कुंडलिया)
हारो मत हिम्मत रखो , जीतोगे संग्राम (कुंडलिया)
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हारो मत हिम्मत रखो , जीतोगे संग्राम
रखो हृदय में सौम्य मति ,मधुर हँसी अभिराम
मधुर हँसी अभिराम, छँटेगा यह ॲंधियारा
पुनः ढलेगी रात, उगेगा सूरज प्यारा
कहते रवि कविराय , आस-विश्वास उभारो
गुजरेगा यह काल , नहीं बस इससे हारो
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451