हाय हाय पैसा
हाय हाय पैसा
पैसा पाने के लिए , पागल है इंसान
लालच के बस धर्म का , रहा न मन में ध्यान
रहा न मन में ध्यान , चाहिए हमको कितना
लूट रहा है आज , मिला है जिसको जितना
जीवन में सुख – चैन , न जाना होता कैसा
मरते दम तक दौड़ , रहा पाने को पैसा