हाय री ! वोट
हाय री ! वोट
छंद:- १
भाग रहे सब मांग रहे सब वोट कि खातिर जाग रहे है।
जोह रहे कुछ टोह रहे कुछ नेह सहोदर ताग रहे है।
छूट गए कुछ टूट गए कुछ वोट लिए कुछ भाग रहे है।
चोर बने कुछ सन्त बने कुछ वोट की टोह भी त्याग रहे है।।
छंद:- २
आह भरे मन देख महा रण वोट कहाँ मिलता कछु भाई।
निष्ठुर हैं जन देख रहे पर देत नही मत आप गुसाईं।
भेज सनेस कहा सबसे तुम वोट करो प्रभु आप कन्हाई।
नाव फँसी मझधार सखे अब पार उतार बनो रघुराई।।
✍️पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’
मुसहरवा (मंशानगर), पश्चिमी चम्पारण, बिहार